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Workshop on "Enhancing Employability Skills" @ AEC
Workshop on "Enhancing Employability Skills" @ AEC
Aug 13, 20189520
शिक्षक की भूमिका छात्र को पढाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि छात्रों में सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करने की क्षमता भी होनी चाहिए। पांच हजार साल पुरानी हमारी शिक्षा की समृद्ध परंपरा रही है। यह बात ें विशेषज्ञों न े आगरा में छात्रों की रोजगारपरक क ुशलता को बढाने में शिक्षकों की भूमिका विषय पर आयोजित एक कार्यशाला में कहीं। साथ ही छात्र-छात्राओं को भी रोजगारपरक शिक्षा अपनाने के लिए मानसिक रूप स े त ैयार किया। शारदा ग्रुप के आन ंद इंजीनियरिंग कॉलेज टेक्नीकल क ैंपस में बीबीएस विभाग व द इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड फाइन ेंशियल एनालिस्टस ऑफ इंडिया 1⁄4आईसीएफएआई1⁄2 विवि क े सहयोग स े स ंकाय ज्ञान साझा कार्यक्रम क े तहत उक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें विशेषज्ञों न े शिक्षा प्रणाली की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। बतौर मुख्य वक्ता आईबीएस गुरूग्राम के प्रो. विक ्रम शर्मा न े कहा कि सूचना क ्रांति के युग में नित नए प्रयोग हो रहे है ं। विवि स्तर पर भी तमाम ऐस े शिक्षा कार्यक ्रम विकसित किए जा रहे है ं, जिनस े शिक्षक खुद भी अपना शैक्षिक ज्ञान बढा सकेंगे। कहा कि शिक्षा का पहला उद्द ेश्य रोजगार योग्य युवाओं को आगे बढाना है। लिहाजा शिक्षकों को इन्हीं मापद ंडों को अपनाते हुए शिक्षण कार्य करना चाहिए। स्वयं को हर समय शिक्षक की भूमिका में रखें ताकि शिक्षण व्यवस्था पटरी पर बनी रहे। एक शिक्षक का पहला दायित्व छात्रों का भविष्य निर्माण करना है। उन्होंन े कहा कि वत र्मान समय में छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा द ेन े की आवश्यकता है। आज शिक्षा प्रकि ्रया ऐसी होनी चाहिए जिससे छात्रों में आधारभूत क्षमता, योग्यता और कौशलों का विकास किया जा सक े। आज शिक्षा को सैद्धांतिक पाठयक्रमों क े दलदल स े निकालकर मजबूत व्यवसायिक आधार प्रदान करने की नितांत आवश्यकता है। परिवर्तन क े प्रतिनिधि हा ेंग े य े युवा कॉलेज के निदेशक डा. शैलेंद ्र सि ंह ने कहा कि भारत क े पास अत ुलनीय युवा जनस ंख्या है जिससे आन े वाले समय में सामाजिक आर्थिक विकास को जोरदार बढावा मिलना तय है। रोजगार क े लिए उपयुक्त कौशल प्राप्त करके ये युवा परिवर्तन क े प्रतिनिधि हो सकत े है ं। उन्होंन े कहा कि इस तरह की कार्यशाला शिक्षकों एवं छात्रों के स ंपूर्ण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं, इससे कल्पना और शिक्षण के महत्वपूर्ण पहलुओं द्वारा स ंकाय शिक्षा कार्यक ्रम के माध्यम स े छात्रों क े कौशल ज्ञान को बढाकर उनको रोजगारपरक बनाने क े लिए महत्वपूर्ण है। शिक्षा का स्तर सुधारने म ें स ंकाय साझा कार्यक्रम महत्वप ूण र्का र्यशाला का आयोजन बीबीए विभाग के अध्यक्ष संजीव ठाक ुर न े किया। उन्होंन े कहा कि रोजगारपरक शिक्षा और शिक्षा का स्तर सुधारने क े लिए इस तरह क े स ंकाय शिक्षा कार्यक ्रमों की महती आवश्यकता है। स ंचालन विभाग की असिस्ट ेंट प्रोफेसर डा. सोनल पुढीर ने किया। शारदा ग्र ुप क े वाइस चेयरमैन वाईक े गुप्ता एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप माहथा न े विभागीय शिक्षकों को ज्ञानवर्धक कार्यक ्रम आयोजित करने क े लिए बधाई दी। सहायक आचार्य डा. गौरव अग्रवाल का सहयोग सराहनीय रहा।