Orientation Programme - 2018 @ HCST

चार साल की मेहनत बनायेगी 40 वर्षों का स्वर्णिम भविष्य-ए.डी.जी. हिन्दुस्तान कॉलेज में नवागंतुक छात्रों का ऑरिएन्टेषन कार्यक्रम में ए.डी.जी. आगरा जोन ने छात्रों से किया सीधा संवाद......................

Jul 24, 2018 - 05:54
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Orientation Programme - 2018 @ HCST
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षारदा ग्रुप ऑफ एजूकेषनल इंस्टीट्यूषन्स के प्रतिष्ठित संस्थान हिन्दुस्तान कॉलेज ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी, में प्रथम वर्ष के नवागंतुक छात्रों एवम् उनके अभिवावकों के स्वागत में एक समारोह का आयोजन किया गया। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विष्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा प्रदत्त षैक्षणिक कलेण्डर के अनुसार संस्थान द्वारा एक दिवसीय ऑरिएन्टेषन प्रोग्राम सम्पन्न हुआ। संस्थान के गणमान्य अधिकारियों द्वारा माँ सरस्वती पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के उपरांत संस्थान के छात्र-छात्राओं द्वारा शारदा माँ के स्वस्वर वंदन के साथ हुआ। संस्थान के निदेषक डॉ. राजीव कुमार उपाध्याय ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि यूपीएसईई परीक्षा पास कर इस संस्थान को अपनी प्राथमिकता देने के लिए सभी नवागंतुक छात्र एवं उनके अभिभावक बधाई के पात्र हैं। उन्होंने बताया कि हमारे संस्थान के छात्र अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाली ळ।ज्म्.2018 1⁄4ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टैस्ट इन इंजीनियरिंग1⁄2 परीक्षा में सम्पूर्ण भारत वर्ष में उत्तीर्ण हुये परीक्षार्थियों में बायोटेक्नोलॉजी विभाग के छात्र सुर्वांषू सक्सैना का 10 वाँ एवं कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग विभाग के छात्र अंचित चौधरी ने 22 वाँ स्थान प्राप्त कर संस्थान का नाम रोषन किया और बताया कि बायोटैक विभाग के 5 छात्रों का चयन ठब्प्स् 1⁄4बायोटेक कंर्सोटीयम इंडिया लिमटेड1⁄2-2018 में चयन हुआ। चयनित सभी छात्रों को बधाई एवं शुभकामनायें दी। ब्।ज्.2017 की परीक्षा में कैमीकल विभाग की छात्रा अंबिका सिंह ने 91.5 प्रतिषतक लाकर संस्थान और विभाग का नाम रोषन किया। उन्होंने बताया कि संस्थान की शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद आदि से सम्बन्धित संस्थान के गौरवषाली इतिहास को स्मरण करते हुये मूलभूत सुविधाओं जैसे छात्रावास, एनसीसी, चिकित्सा, परिवाहन, प्रयोगषालायें, पुस्तकालय, वार्षिक समारोह- ज्ञान ज्योति, काउसिलिंग सिस्टम, मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, टेंनिंग एण्ड प्लेसमेंट, टेंनिंग एण्ड डवलपमेंट, सांस्कृतिक गतिविधियों एवं विषेषताओं पर संक्षिप्त प्रकाष डाला साथ ही नवागंतुक छात्र-छात्राओं को बचपन में आनंद, जिज्ञासा एवं जिद से भरपूर रहकर जिस तरह से कार्य किये उसी प्रकार इन आदतों को अनुवरत जारी रखने का पाठ पढ़ाया तथा कहा कि निरंतर सीखने का अभ्यास करते रहना चाहिए और बताया कि अपने जीवन में सफलता राज बताया जीवन में हमेषा उतार-चढ़ावों से भरा हुआ है। लोग तुम्हारे स्वाभिमान की चिंता नहीं करते इसलिए पहले खुद को सिद्ध करके दिखाओ। तुम्हारी गलती तुम्हारी है और तुम्हारी पराजय तुम्हारी पराजय है। संस्थान के अधिषासी निदेषक प्रो. वी. के. शर्मा ने समस्त छात्रों के लिए सफलता के चार गुणों वर्णन किया। काबिलियत, कौषल क्षमता, आत्मविष्वास, अपने पर नियंत्रण रखना। उन्होंने समस्त अभिभावकों का षिक्षकों और इस संस्थान में विष्वास जताने के लिए धन्यवाद व्यक्त किया और कहा कि सफलता के लिए अच्छी षिक्षा, औद्योगुन्मुखी षिक्षा, शालीनता, व्यवहार कुषलता एवं अच्छा दृष्टिकोण बहुत जरूरी है और इस सबके लिए हम सदैव प्रयत्नषील रहेंगे ये हमारा वादा है, परन्तु अनुषासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं की जायेगी। अतः उन्होंने समस्त नवागुन्तक छात्र-छात्राओं का आवाहन किया कि वे आज से ही समय के सदुपयोग पर चिन्तन करना प्रारम्भ कर दें साथ ही उत्तर प्रदेष बोर्ड से आये छात्रों को उनकी इंटरमीडिएट की प्रतिषत कायम रखने के लिए प्रेरित किया। स्वस्थ तन, स्वस्थ मन एवं ऊर्जावान व्यक्तित्व के साथ अध्ययनरत रहने के लिए भी प्रेरित किया। नवागंन्तुक छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से रुबरू होते हुये उन्होंने कहा कि हम आपके विष्वास पर खरे उतरेंगे यह तभी सम्भव है जब छात्र-छात्रायें हमारे नियमों के पालन में स्वअनुषासित रहेंगे और स्वविवेक द्वारा नित षिक्षण कार्य का निस्तारण करते रहेंगे। शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूषंस के कार्यकारी उपाध्यक्ष श्री प्रदीप महथा ने बताया कि उत्तर भारत का यह प्रथम निजी संस्थान है जिसके पूर्व छात्र सारी दूनियाँ में इस संस्थान का परचम लहरा रहे हैं और समय-समय पर अपने कनिष्ठों का उचित मार्गदर्षन करते रहते हैं और यह केवल और केवल इसी संस्थान में सम्भव हो पाता है। उन्होंने नवागत छात्रों का आवाहन करते हुये कहा आप लोग आज से ही अपनी आकाक्षाओं का स्वप्न देखना शुरू कर दो जिसका तानाबाना इस संस्थान के षिक्षक बुनकर तैयार कर देंगे और एक दिन यह सपना इस संस्थान में रहते हुये पूरा हो जायेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडीजी आगरा जोन श्री अजय आनंद ने नवागंतुक छात्र और उनके अभिभावकों के साथ अपना पारिवारिक अनुभव के बारे में बताया । उन्होंने बच्चों को कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ अपने परिवार पर भी ध्यान देने की आवष्यकता है। उन्होंने छात्रों से अपने माता-पिताओं का भी ध्यान देने पर भी जोर दिया। उन्होंने माता-पिता से धैर्य बनाये रखने की अपील की। इसके लिये अमेरिका के अभिभावकों से भारतीय अभिभावकों की तुलना की कि किस प्रकार अमेरिका के अभिभावक अधिक धैर्यवान हैं। संस्थान एवं तकनीकी षिक्षा का महत्व बताते हुये कहा कि यह संस्थान तकनीकी षिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्षन करता रहा है आप भाग्यषाली है कि आपका नामांकन इस संस्थान में हुआ है। उन्होंने बच्चां को भविष्य में आगे बढ़ने के लिए समय प्रबंधन, कार्यकुषलता, व्यक्तित्व विकास एवं सामाजिक विकास आदि गुणों को विकसित करने के गुण सिखाये। उन्होंने बताया कि सभी अभिभवाकों को अपने बच्चे से लगातार सम्पर्क में रहना चाहिए। बच्चों से कहा कि अपने माता-पिता की हर बात माननी चाहिए और अपने अंदर संस्कार विकसित करने चाहिए। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं से कहा कि अगर आप चार वर्ष मेहनत से पढ़ेंगे तो आप अगले 40 वर्षों तक आराम करेंगे और अगर आप 4 वर्ष आराम करेंगे तो अगले 40 वर्षों तक संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ये आपके हाथ में है कि तुम उठोगे या डूबोगे। संस्थान के असिस्टेंट डीन अकेडिमिक श्री विजय कट्टा ने पूरे कोर्स के क्रेडिटस, उपस्थिती, क्लास टैस्ट एवं षैक्षणिक मूल्यांकन के बारे में बताया। छात्रों को विष्वविद्यालय पाठ्यक्रम एवम् अन्य नियमों से अवगत कराया तथा क्लास में उचित उपस्थिति रखने व सभी सेमेस्टरों में आन्तरिक व वाह्यय परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित किया। कॉलेज में अभिभावकों को अपने बच्चों की उपस्थिति एवं क्लास टेस्ट के प्राप्तांको की जानकारी हेतु पेरेन्टस टीचर मीट्स के बारे में भी बताया गया । संस्थान के डीन फैकल्टी डॉ. हरेन्द्र सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि सभी अभिभावकों से आग्रह किया वह प्रतिदिन अपने बच्चे की कॉलेज में हुई क्रियाकलापों की जानकारी लेते रहें जिसके लिए कॉलेज में प्रत्येक 30 छात्रों पर एक काउंसलर की व्यवस्था की गई है तथा अपने वार्ड के काउंसलर का फोन नम्बर साथ लेकर जायें तथा निरंतर सम्पर्क बनाये रखें। उन्होंने समस्त विभागों के विभागाध्यक्षों एवं डीन आर एण्ड डी डॉ. एम. एस. गौर, परीक्षा नियंत्रण डॉ. आर. के. तिवारी,

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